Wheather Alert Today: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग(IMD) ने बीते सोमवार को मॉनसून एवं बारिश से सम्बंधित अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और आसपास के इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है और आगामी 2 दिनों में बढ़ोतरी के कारण चक्रवात एवं आँधी तूफान पनप सकता है, जो कि केरल की ओर बढ़ते हुए मॉनसून को विशेष रूप से प्रभावित करेगा। आज हम आपको मौसम विभाग द्वारा मॉनसून से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है।
मॉनसून आने की सम्भावित तारीख
मौसम विभाग द्वारा मॉनसून के आने की कोई भी निश्चित तारीख नहीं बतायी गयी है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम की ओर से आने वाले हवाएं दक्षिणी अरब सागर पर 2.1-किलोमीटर की ऊंचाई पर चल रही है। लेकिन दक्षिणी-पूर्वी अरब सागर पर चक्रवात के आसार होने की वजह से केरल तट के आसपास बादलों मे कमी आयी है।
बीते कुछ सालों के मॉनसून आने के आकड़े
अगर हम मॉनसून के आने के आकड़े पर गौर करे तो, मॉनसून भारत में सबसे पहले केरल में दस्तक देता है। प्रतिवर्ष 1 जून से 7 दिन पहले और 7 दिन बाद के मध्य में मॉनसून केरल मे प्रवेश करता है। बीते वर्ष मॉनसून 29 मई को आया था, वर्ष 2021 मे 3 जून को, वर्ष 2020 मे 1 जून एवं वर्ष 2019 और वर्ष 2018 मे 29 मई को दक्षिणी अरब सागर के रास्ते केरल पहुंचा था।
मौसम विभाग मॉनसून का निर्धारण ऐसे करता
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक मॉनसून का निर्धारण लक्षद्वीप, केरल एवं कर्नाटक के 8 मौसम विज्ञान स्टेशनों पर लगातार 2 दिनों के तक न्यूनतम 2.5 मिलीमीटर वर्षा होने पर मॉनसून का आना माना जाता है। प्रतिवर्ष भारत में मॉनसून की शुरुआत दक्षिण भारत से होती है। दक्षिणी भारत में मॉनसून पहले आने की वज़ह से फ़सलों की बुवाई भी उत्तर भारत के मुकाबले जल्दी शुरू हो जाती है।