देश के घर घर में सुबह शाम के भोजन में सबसे अहम हिस्सा रहने वाले टमाटरों के भाव का अचानक बढ़ जाना हर किसी को हैरत मे डाल रहा है। महज एक सप्ताह में 20 रुपये किलो मिलने वाले टमाटरों का भाव 122 रुपये प्रति किलो हो जाना लोगों के बजट को हिला रहा है। वही कृषि वैज्ञानिकों ने लोगों की चिंता बढ़ाने वाली बात कह दी है। जी हाँ, बहुत ही टमाटरों के भावों को प्याज के भाव टक्कर देने वाले हैं।
टमाटर के दाम में इस वजह से आया उछाल
चेन्नई स्थित एम स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के वैज्ञानिक डॉ. आर गोपीनाथ ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि टमाटरों की कीमतों में आकस्मिक उछाल के पीछे दो वजह मुख्य है। जिसमें पहला मॉनसून का देरी से आना और दूसरा कारण आंध्रप्रदेश और कर्णाटक मे भारी बारिश है। देश मे 20% टमाटर का उत्पादन आंध्रप्रदेश से होता है और भारी बारिश से परिवहन मे समस्या एवं टमाटर की कम आयु होने से भावों मे वृद्धि देखी गयी है।
प्याज़ के भावों मे भी हो सकती है तेज़ी
कृषि वैज्ञानिक ने कहा है कि बीते वर्ष भी इसी समय यह परिस्तिथी उत्पन्न हुयी थी। जुलाई और अगस्त में देरी से बारिश होने से त्योहारों के सीजन से पूर्व प्याज़ के भावों मे शानदार तेजी देखने को मिल सकती है। प्याज – टमाटर दैनिक आवश्यकता है, जिस वजह से इनके दामों में आकस्मिक तेजी जायज है।
अगले 2 से 3 हफ्ते में सामान्य होगा टमाटरों का भाव
कृषि वैज्ञानिक डॉ. आर गोपीनाथ ने यह भी कहा g
है कि टमाटर की कीमतों में वृद्धि की स्तिथि 2 से 3 सप्ताह में सही हो जाएगी। साथ ही यह भी हिदायत दी है कि बेमौसम बारिश, मॉनसून का देरी से आना आम हो चुका है, इसलिए सभी को इस प्रकार की परिस्तिथियों के लिए तैयार रहना चाहिए।
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