Kisan News: किसान धीरे-धीरे होते जा रहे खत्म, असली किसान हो रहें विलुप्त, दुनिया में एक दिन खत्म हो जाएंगे किसान

Kisan News: भारत एक कृषि प्रधान देश है और दुनिया भी सिर्फ खेती बाड़ी पर भी टिकी हुई है। एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर दुनिया में किसान नहीं होंगे तो आधी जनसंख्या भूख से ही मर जाएगी क्योंकि भारत की जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है और अब अधिकांश लोग खेती से दूर जाना चाहते हैं। पहले कहा जाता था कि उत्तम खेती, मध्यम व्यापार और निज नौकरी लेकिन धीरे-धीरे यह वाक्य उल्टा होता जा रहा है और आज के जमाने में कहा जा रहा है कि उत्तम नौकरी, मध्यम व्यापार और नीज खेती। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से यह जानकारी प्रदान करेंगे कि कैसे किसान दुनिया से विलुप्त होते जा रहे हैं। अगर आप भी खेती-बाड़ी से दूर जाना चाहते हैं तो इस लेख को अंत अवश्य पढ़ें।

खेती छोड़ लोग व्यापार और नौकरी ढूंढ रहे हैं

किसान समाचार: वर्तमान समय में भारत समेत पूरी दुनिया में लोग खेती-बाड़ी को छोड़ नौकरी और व्यवसाय ढूंढने में लगे हुए हैं क्योंकि खेती से किसानों को अब इतना लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे कई कारण है जैसे दुनिया में लगातार बढ़ रही महंगाई, खेतों में उपयोग किए जा रहे कीटनाशक एवं खेती में जरूरी चीजों का नहीं मिलना इत्यादि। इन सभी कारणों की वजह से दुनिया तेजी से व्यापार और नौकरी की ओर बढ़ती जा रही है। एक्सपर्ट द्वारा रिसर्च में बताया गया है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो धीरे-धीरे दुनिया से असली किसान विलुप्त हो जाएंगे एवं सभी कार्य मशीनों द्वारा किए जाएंगे। चलिए जानते हैं कैसे खेती से किसान दूर होते जा रहे हैं एवं इसकी वजह क्या है।

दुनिया में लगातार घटती जा रही है खेतों और किसानों की संख्या

Kisan News: किसानों की संख्या एवं खेती का प्रतिशत देखते हुए Down to Earth की एक खबर सामने आई है जिसमें University of Colorado boldar एक रिसर्च की है जिसमें बताया गया है कि वर्ष 2020 में दुनिया भर में खेतों की कुल संख्या 61.1 करोड़ थी जो मात्र एक सदी बार घटकर 27.3 करोड़ हो सकती है। ‌ इस विचार से साफ पता चल रहा है कि आने वाले समय में आधे से अधिक किसानों और खेती दुनिया से खत्म होने वाली है। एक समय ऐसा आएगा जब किसानों की संख्या वर्तमान समय से 50% ही रह जाएगी। रिसर्च में बताया गया है कि तेजी से खेतों की संख्या कम होती जा रही है। यह किसी एक देश में नहीं बल्कि अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीका के सभी देशों में देखा जा रहा है। ‌

किसानों की रूचि खेती से घट रहीं और बिगड़ रहा गांव का माहौल

Kisan News: आज से सिर्फ 20 साल पहले की बात की जाए तो पहले किसानों द्वारा काफी रुचि से खेती बाड़ी की जाती थी और किसानों को खेती के अलावा किसी अन्य कार्य को करने की जरूरत नहीं पड़ती थी लेकिन अब किसान खेती छोड़ दूसरे काम ढूंढने में लगे हुए हैं। आज के समय में ग्रामीण इलाकों में पहले जैसा माहौल भी नहीं रहा। खेतों में मानो एक सन्नाटा सा छा गया है और किसानों के चेहरे पर भी खेती करते समय इतनी खुशी नहीं देखने को मिल रही। ‌ हालांकि खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए देश की सरकारें कई प्रकार के प्रयास कर रही है लेकिन नुकसान को देखते हुए किसान खेती करना पसंद नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट में साफ बताया गया है कि आने वाले समय में किसानों की संख्या ना के बराबर रह जाएगी।

इस घटना से सामान्य लोगों पर क्या पड़ेगा असर

दुनिया से अगर धीरे-धीरे खेतों की संख्या कम होती जा रही है तो सामान्य बात है कि किसानों की संख्या भी कम होती जाएगी। आज की टेक्नोलॉजी खेती को कम करती जा रही है और आने वाले समय में सामान्य लोगों पर इसका भारी असर देखने को मिलेगा। ‌ रिपोर्ट में सांप दर्शाया गया है कि दुनिया में एक तिहाई अनाज का उत्पादन सीमांत किसानों द्वारा किया जाता है। एक नजर से देखा जाए तो किसान ही आधी दुनिया को चला रहे हैं लेकिन आने वाले समय में यह एक बहुत बड़ी समस्या बनने वाली है। एक तिहाई अनाज का उत्पादन करने वाले किसानों के पास दुनिया का सिर्फ 12% भूमि का हिस्सा है फिर भी इतना अनाज उत्पादन करते हैं। आने वाले समय में खेती करने के लिए किसानों को ढूंढना भी बड़ा मुश्किल हो जाएगा।

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