न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) पर गेंहू की खरीदी के लिए 6 फरवरी से लेकर 24 मार्च तक किसानों द्वारा पंजीयन करवाया गया था। केंद्र सरकार द्वारा गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया, जो कि किसानों को उम्मीद से कम लगा। साथ ही कई और कारणों से सरकार अपने गेंहू खरीदी के लक्ष्य को पूरा करने में नाकामयाब रहीं। बता दें कि पंजाब से सबसे अधिक गेंहू खरीदी हुयी, उसके बाद मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर एवं हरियाणा तीसरे स्थान पर रहा।
गेंहू खरीदी के लक्ष्य को पूरा करने मे केंद्र सरकार हुयी नाकाम
वित्तीय वर्ष 2023-24 के रबी सीजन में केंद्र सरकार द्वारा 341.5 लाख मिट्रिक टन गेंहू का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन विभिन्न कारणों की वजह से 261.91 लाख मिट्रिक टन गेंहू की खरीदी हो पायी। रबी सीजन 2023-24 मे कुल 21,26,615 किसानों द्वारा सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेंहू बेचा गया है, बीते वर्षो के मुकाबले यह आकड़े उम्मीद से कमजोर रहे।
गेंहू खरीदी की असफलता के पीछे का कारण
केंद्र सरकार को गेंहू खरीदी मे मिली इस असफलता के पीछे मुख्य कारण किसानो की न्यूनतम समर्थन मूल्य से नाराजगी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के अनुसार 4 जून को देश में गेंहू का औसत मूल्य 2585.25 रुपये प्रति क्विंटल देखा गया है। गेंहू के न्यूनतम समर्थन मूल्य, 2125 के मुकाबले 460.25 रुपये का अन्तर है। इसलिए अधिकतर किसान अपनी गेंहू की उपज को कृषि उपज मंडी या ओपन मार्केट में बेच रहे हैं।
गेंहू खरीदी मे टॉप पर पंजाब दूसरे पायदान पर MP और तीसरे पर हरियाणा
केंद्र सरकार की गेंहू खरीदी मे पंजाब के 8,34,993 किसानों ने 121.17 लाख मिट्रिक टन गेंहू बेचे है, हालांकि सरकार ने पंजाब से 132 लाख मिट्रिक टन गेंहू खरीदी का लक्ष्य तय किया था। वही दूसरे स्थान पर मध्यप्रदेश रहा, यहा 7,96,710 किसानों ने MSP पर गेंहू बेचा। साथ ही हरियाणा के कुल 4,10,237 किसानों ने सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेंहू बेचा।