खरीफ फ़सल ऋण : नमस्कार किसान भाइयो, todaymandibhav.in पर आपका स्वागत है। प्रतिवर्ष किसान बंधू रबी और खरीफ की फसलों में खेती से जुड़े विभिन्न कार्यो के लिए फ़सल ऋण लेते है, जिसके माध्यम से खाद बीज, और अन्य जरूरतों को पूरा किया जाता है। किसानो को यह ऋण सीमित ब्याज दर के साथ सीमित अवधि के लिए दिया जाता है। जिसे एक निश्चित समय सीमा के दौरान चुकाना भी होता है। चूका ना पाने पर ऋण लेने वाले को डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता है।
मंत्री परिषद की बैठक में लिया गया अवधि बढ़ाने का फैसला –
खरीफ फ़सल ऋण : मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान की अध्यक्षता में मंत्री परिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न चर्चाओं और गहन बातचीत के बाद ऋण चुकाने की अवधि को बढ़ाया गया है। पूर्व में ऋण चुकाने की अवधि 28 मार्च को समाप्त हो रही थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय के पीछे कई कारण शामिल है।
अवधि बढ़ाने के पीछे यह है कारण –
खरीफ फ़सल ऋण : अवधि बढ़ाने के पीछे किसानो को डिफाल्टर होने से बचाना भी एक कारण माना जा रहा है। क्यूंकि ऋण चुकाने की अवधि के अंतराल में कोई किसान अगर ऋण की राशि को नहीं चूका पाता है, तो वह डिफाल्टर घोषित हो जाता है। डिफाल्टर होने के बाद समस्याओ जैसी कि अधिक ब्याज दर आदि से ना गुजरना पड़े, इसलिए ऋण चुकाने की अवधि को बढ़ाया गया है। साथ फसल खरीदी में देरी भी एक वजह है।
ओला वृष्टि से प्रभावित किसानो को मिलेगा मुआवजा –
ओला-वृष्टि मुआवजा : सीएम शिवराज ने यह भी घोषणा की है कि ओला-वृष्टी से नष्ट हुयी फसलों के एवज में किसानो को मुआवजा प्रदान किया जायेगा। राहत राशि की बात की जाये तो, किसानो को 32 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि प्रदान की जाएगी। 50 प्रतिशत से अधिक फ़सल खराबी पर 100 फीसदी मुआवजा दिया, वही 25 से 35 प्रतिशत फसल खराबी पर राहत राशि प्रदान की जाएगी।
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