Potato Farming 2023: खेती को आधुनिक बनाने के लिए देश और विदेश के वैज्ञानिक लगातार प्रयास करते जा रहे हैं और किसानों के लिए नई नई खोज सामने लेकर आ रहे हैं जिससे किसानों को कम मेहनत में अधिक लाभ पहुंचे और किसानों को कम खर्चे पर अधिक मुनाफा मिल सके। इसी के चलते हैं वैज्ञानिकों द्वारा रोजाना कृषि क्षेत्र से संबंधित नए-नए आविष्कार किए जाते हैं। किसानों के लिए नए नए उपकरण एवं हाइब्रिड बीज वैज्ञानिकों द्वारा खोजे जाते हैं। हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किसानों के लिए एक नई खोज की गई जिसके तहत किसान हवा में आलू की खेती कर सकते हैं। चलिए जानते हैं इस खोज के बारे में सब कुछ।
वैज्ञानिकों ने खोजी एरोपोनिक खेती की तकनीक ( aeroponic farming technique )
किसान समाचार 2023: वैज्ञानिकों द्वारा एरोपोनिक खेती की खोज की गई है। एरोपोनिक खेती खेती से तात्पर्य वह खेती जिसे करने के लिए किसानों को मिट्टी और पानी की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि किसान बिना मिट्टी और पानी का उपयोग कर आसानी से खेती कर सकते हैं। aeroponic farming तेजी से प्रचलन में आ गई है और बिहार राज्य के किसानों द्वारा इस विधि से आलू की खेती भी की जाने लगी हैं। एरोपोनिक खेती की विधि सुनकर आपको जुड़ा हुआ होगा लेकिन यह खेती करने की एक उन्नत तकनीक है जो वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गई है। चलिए जानते हैं कि एरोपोनिक खेती मैं कैसे बिना पानी और मिट्टी के फसलों को कहा जा सकता है।
एरोपोनिक खेती से अचानक बढ़ेगा फसलों का उत्पादन
aeroponic farming: एरोपोनिक खेती की विधि से खेती करने पर किसान आसानी से फसल का कई गुना उत्पादन बढ़ा सकते हैं सामान्य किसानों को मिट्टी और जल के अनुसार फसल का उत्पादन मिलता है लेकिन एरोपोनिक खेती किसान फसल की बंपर पैदावार कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अब किसान बिना खेती और पानी के भी खेती कर सकते हैं इसके लिए ही एरोपोनिक खेती की खोज की गई है। aeroponic farming खेती की एक ऐसी उन्नत तकनीक है जिसमें किसान बिना मिट्टी और पानी के हवा में फसलों की खेती कर सकते हैं। वर्तमान में एरोपोनिक खेती की तकनीकी का प्रयोग बिहार के किसानों द्वारा किया जा रहा है जिसमें किसान फसल की बंपर पैदावार कर रहे हैं। चलिए जानते हैं आखिर कैसे एरोपोनिक खेती की तकनीक से खेती करना संभव है।
बिहार के किसान एरोपोनिक खेती की तकनीक से कर रहे आलू की खेती
Kisan News: वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गई खेती की एरोपोनिक तकनीक से बिहार के किसान आलू की खेती कर रहे हैं। इस विधि से खेती करने पर किसानों को भारी मुनाफा भी मिल रहा है और किसानों की आमदनी बढ़ रही है। बिहार राज्य के कृषि विश्वविद्यालय सबौर में एयरोपोनिक तकनीक से आलू की खेती की गई और इसमें आलू की बंपर पैदावार हासिल करने में सफलता भी मिली है। अब यह विधि सभी किसानों के लिए लागू कर दी गई है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय वैज्ञानिक लंबे समय से aeroponic farming पर परीक्षण कर रहे थे जिसमें अब जाकर उन्हें सफलता हाथ लगी है। सफलता हाथ लगने के बाद अब वैज्ञानिकों द्वारा एयरोपोनिक तकनीक आलू के बीज तैयार किए जा रहे हैं और जल्द ही किसानों को भी खेती करने के लिए यह बीज उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
पहले के मुकाबले उत्पादन में आएंगी 10 गुना वृद्धि
aeroponic farming result: एरोपोनिक खेती की उन्नत तकनीक से खेती करने के लिए किसानों को जल और मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती साथ ही खास बात यह है कि इस तकनीक के आधार पर किसान हवा में पौधे उगा सकता है। एरोपोनिक खेती की वैज्ञानिक की तकनीक से किसान अपनी फसल को हवा में उड़ा सकते हैं और आसानी से बंपर मुनाफा हासिल कर सकते हैं क्योंकि इस वजह से फसल को हवा में उड़ जाता है जिससे हम 10 गुना से अधिक फसल की पैदावार कर सकते हैं। बिहार में किसानों द्वारा इस विधि को उपयोग में लाया गया है इसके बाद बिहार में आलू का उत्पादन 10 गुना बढ़ जाएगा।
एरोपोनिक खेती से बढ़ेगी किसानों की इनकम और उत्पादन
एरोपोनिक खेती कैसे करें: एरोपोनिक खेती की उन्नत तकनीक की विधि की रिसर्च करते हुए मुख्य वैज्ञानिक डॉ. रणधीर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि एरोपोनिक खेती की तकनीकी से अगर किसान खेती करेंगे तो किसानों को पहले से अधिक उत्पादन और पैसा मिलेंगा। एरोपोनिक खेती से किसानों की आय कई गुना बढ़ जाएगी। वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गई इस विधि से आलू की पैदावार भी कई गुना बढ जाएंगी। वैज्ञानिक डॉ रणजीत कुमार ने यह भी बताया है कि सरकार ने खेती की इस तकनीक को मंजूरी भी दे दी है और किसान जल्द ही एरोपोनिक तकनीक से खेती कर पाएंगे।
किसानों को एरोपोनिक खेती करने की ट्रेनिंग दी जाएगी
aeroponic farming: इस विधि से खेती करने के लिए किसानों को जागरूक भी किया जाएगा और साथ ही एरोपोनिक खेती करने के लिए किसानों को ट्रेनिंग भी प्रदान की जाएगी।एरोपोनिक खेती करने की तकनीक से किसान सिर्फ आलू ही नहीं बल्कि टमाटर, खीरा और स्ट्रॉबेरी सहित कई प्रकार की सब्जियों एवं जड़ी बूटी की खेती हवा में कर सकते हैं। वर्तमान में बिहार कृषि विश्वविद्यालय में इस तकनीक से खेती करने के लिए आलू के बीज तैयार किए जा रहे हैं जो जल्द ही किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। खास बात यह है कि इस विधि के लिए तैयार किए जा रहे बीज संक्रमण मुक्त होंगे यानी इस पर किसी भी बीमारी का असर नहीं होगा। इस वजह से अच्छी गुणवत्ता वाले आलू का उत्पादन होगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी।