भारत हज़ारो वर्षों से गरम मसालों के लिए प्रसिद्ध है, यहां के मसालों की पूरी दुनिया दीवानी है। इतनी अधिक मांग होने पर गरम मसाले के दामों का आसमानों मे होना लाजमी है। भारत देश की जलवायु परिस्तिथिया गरम मसालों के उत्पादन हेतु अनुकूल है। इसलिए देश के किसान गरम मसालों की खेती कर प्रतिवर्ष लाखों रुपये का मुनाफ़ा कमा सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको गरम मसालों का अहम हिस्सा कहे जाने वाले लौंग की खेती की सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
मॉनसून के महीने में कर सकते हैं बुवाई
लौंग की फ़सल की बुवाई के लिए मॉनसून का महीना सबसे बेहतर माना जाता है, इसी माह में देशभर में खरीफ की फ़सलों की बुवाई की जाती है। वर्तमान में देश में जून से जुलाई के मध्य मॉनसून दस्तक दे चुका है। ऐसे मे अगर आप लौंग की खेती करना चाहते हैं, तो फ़सल की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर जल्द ही बुवाई करे।
ऐसे करे लौंग के बीजों की बुवाई
लौंग की बुवाई से पहले यह जान ले कि लौंग की खेती गरम जलवायु वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होती है। लौंग की बुवाई अन्य फ़सलों की बुवाई से काफी ज्यादा अलग होती है। लौंग के बीजों की बुवाई से 1 दिन पहले बीजों को साफ़ पानी में भिगो कर रख दे। अगले दिन बीजों के ऊपर से छिलके को निकाल कर बीजों को बो दे।
बुवाई से लेकर फ़सल पकने तक इन बातों का रखे खास ख्याल
लौंग की बुवाई के समय सबसे महत्वपूर्ण ध्यान रखना होता है। पौधों के बीच 10 सेंटीमीटर की दूरी रखे। साथ ही फ़सल के विकास के लिए जैविक खाद का उपयोग सही मात्रा में करे। फ़सल को पूर्णतः पक कर तैयार होने में 4 से 5 साल का समय लगता है। बता दें कि बाजार में लौंग का भाव 800 से 1200 रुपये प्रति किलो तक होता है, ऐसे में लौंग की फ़सल की एक बार बुवाई के बाद पौधे का अच्छे से रख रखाव कर लंबे समय तक मुनाफा कमाया जा सकता है।
मारुति, टाटा और हुंडई की पुंगी बजाने बाजार मे आयी सेल्टोस फेसलिफ्ट, देखे क्या हुआ अपग्रेड
टाटा-हुंडई की लाख कोशिशों के बाद भी टस से मस नहीं हुयी यह ऑटोमोबाइल कम्पनी, सेल्स मे अब भी कई आगे