Soyabean Mandi Rates And Waiting: मध्यप्रदेश की सबसे कृषि उपज मंडियों में शामिल मंदसौर मंडी (Mandsaur Mandi) मे बीते 10 दिनों में काफी अवकाश देखने को मिले हैं। अवकाश ज्यादा होने से मंडी में आवक भी कम हुयी। आवक कम होने से लगभग सभी फ़सलों के भावों में तेज़ी देखने को मिली है। भावों की तेज़ी ने किसानो की होली को रंगारंग कर दिया। भावों मे तेजी को देखते हुए किसान भाई जल्दी से जल्दी अपनी उपज को मंडी लाना चाहते हैं, लेकिन क्या उनकी उपज को मंडी प्रांगण में जगह मिलेगी?, क्या उपज का सही दाम मिलेगा?, नीलामी में कितना समय लगेगा? आदि सवालों से चिंतित हैं। आज हम आपको मंदसौर मंडी की ग्राउण्ड रिपोर्ट देने वाले हैं। कृपया अंत तक पूरा पढ़ें ।
क्या उपज को मंडी प्रांगण में जगह मिलेगी?
मंदसौर मंडी में बीते दिनों लहसून के भावों में काफी ज्यादा तेजी देखने को मिली है। सबसे आखिरी बार 10 मार्च को मंडी मे नीलामी कार्य हुआ था। 10 मार्च को देशी लहसून का अधिकतम भाव 6800 रुपये प्रति क्विंटल रहा तो, ऊटी लहसून का अधिकतम भाव 8947 रुपये प्रति क्विंटल रहा था। उसके बाद 2 दिनों के अवकाश के दौरान मंदसौर मंडी लहसून से लबालब भर चुकी है। वही अन्य फ़सलों के लिए निर्धारित जगह मे फ़सलों के ढेर देखने को मिले हैं। अगर आप भी मंदसौर मंडी में लहसून लाने का सोच रहे हैं तो, कम से कम एक से दो दिन की प्लानिंग से आए।
क्या उपज का सही दाम मिलेगा?
मंदसौर मंडी के बीते दिनों के मंडी भाव को देखकर मैं यह अंदाजा लगा सकता हु कि मंदसौर मंडी में भाव का खेल आवक पर टिका हुआ है। हाल फ़िलहाल की मंडी की आवक की स्थिति को देखा जाए तो कल यानी कि 13 मार्च सोमवार को देशी लहसून और ऊटी लहसून मे लगभग 300-500 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखने को मिलेगी। अन्य फ़सलों मे हल्की या मामूली सी गिरावट रहेगी। हालाँकि यह हमारी व्यक्तिगत धारा है किसान भाई अपने अनुसार फैसले ले।
नीलामी में कितना समय लगेगा?
कृषि उपज मंडी में नीलामी का समय निर्धारित होता है, हालांकि कभी कुछ विशेष कारणों की वज़ह से देरी हो सकती है। कृषि उपज मंडी में सभी किसान भाई यह सोचकर ना आए कि सुबह उपज ले चलते हैं और दोपहर तक घर वापस आ जाएंगे। मंदसौर मंडी मध्यप्रदेश की बड़ी मंडियों में शामिल है। यहां दूर दूर से किसान भाई अपनी उपज लाते हैं, इसलिए नीलामी में एक दिन से लेकर दो तीन दिन तक का समय भी लग सकता है।